Adiwasi Diwas 2025: आदिवासी समाज का इतिहास, संघर्ष और वर्तमान चुनौतियाँ 🌿 क्यों मनाया जाता है 'आदिवासी दिवस'? 9 अगस्त को International Day of the World's Indigenous Peoples के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर आदिवासी समुदायों की पहचान, अधिकार और संस्कृति को सम्मान देने के लिए निर्धारित किया गया है। भारत में यह दिन खासकर झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा और पूर्वोत्तर भारत में उत्सव की तरह मनाया जाता है। “यह केवल उत्सव नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता की पुनः पुकार है।” Adivasi History: हमारी जड़ें और पहचान झारखंड की धरती पर आदिवासी समाज की उपस्थिति हजारों वर्षों से रही है। संथाल, मुंडा, हो, उरांव, गोंड जैसे समुदायों ने प्रकृति के साथ तालमेल बैठाकर एक अनूठी सभ्यता रची। इनकी भाषाएँ (संथाली, मुंडारी, कुरुख), नृत्य, तीज-त्योहार और सामाजिक ढांचे ने भारत की संस्कृति को समृद्ध किया। "हम पहाड़ से नहीं, पहाड़ हमसे हैं" — यह विचारधारा आदिवासी संस्कृति की आत्मा है। Sangharsh ki Gatha: शोषण से स्वाभिमान तक 1. संथाल विद्रोह (1855) सिद्...
Adiwasiawaj ek abhiyan for social justice and tribal empowerment