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Government Sports Schemes for Adivasi Youth: Reality vs Claim (सरकारी खेल योजनाएँ और आदिवासी युवा: दावा बनाम ज़मीनी हकीकत)

Jharkhand ke Adivasi Freedom Fighters: Sourya aur Samarpan ki Kahani

Jharkhand ke Adivasi Freedom Fighters: Sourya aur Samarpan ki Kahani परिचय / Introduction Jharkhand ke adivasi freedom fighters की कहानी केवल इतिहास नहीं बल्कि एक sourya aur samarpan की गाथा है। इस पोस्ट में हम Birsa Munda और Shibu Soren (Dishom Guru) के जीवन संघर्ष और उनके योगदान को समझेंगे, जिनकी प्रेरणा में आज का Jharkhand आंदोलन और tribal rights की लड़ाई जुड़ी हुई है। Birsa Munda – Ulgulan ka Bhawan / सबल आदिवासी नेता Birsa Munda, जिन्हें “Bhagwan Birsa” कहा जाता है, ने 19वीं सदी में British Raj और जमींदारों के खिलाफ Ulgulan (महान विद्रोह) का नेतृत्व किया। उनका नारा “Abua Dishum, Abua Raj” (Our State, Our Rule) आज भी Jharkhand की पहचान का आधार है। 👉 विस्तार से पढ़ें: Birsa Munda Jannayak Adivasi Birsa ka Legacy – आधुनिक Jharkhand में प्रभाव “जल, जंगल, जमीन” के लिए उनकी लड़ाई आज भी नीति और आंदोलनों का मार्गदर्शन करती है। प्रस्तावित “Statue of Ulgulan” उनके विचारों और प्रेरणा को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है। Shibu Soren (Dishom Guru) – जन ...

Adivasi Kranti aur Quit India Movement: Bhartiya Swatantrata ki Kahani

👉 जल्दी ऑर्डर कीजिए । https://amzn.to/461GQB2 Adivasi Kranti aur Quit India Movement: Bhartiya Swatantrata ki Kahani भूमिका (Introduction) भारत की स्वतंत्रता केवल दिल्ली और मुंबई की गलियों में लड़े गए आंदोलनों की कहानी नहीं है। यह कहानी जंगलों, पहाड़ों और गाँवों की भी है—जहाँ आदिवासी समाज (Adivasi Community) ने अपनी भूमि, संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए संघर्ष किया। Quit India Movement (भारत छोड़ो आंदोलन) 1942 में देशव्यापी क्रांति का रूप ले चुका था। इसी दौर में आदिवासी संघर्षों ने इस आंदोलन को नई ताक़त दी। 👉 Birsa Munda: Jannayak aur Adiwasi Andolan को पढ़कर आप समझ सकते हैं कि कैसे एक युवा जननायक ने अंग्रेजों को चुनौती दी।  Quit India Movement aur Adivasi Sangharsh Tribal communities ke पास farming aur forest-based lifestyle se  natural stamina aur strength  होता है। यही उन्हें खेलों में naturally fit बनाता है। आदिवासी समाज ने अंग्रेज़ों के खिलाफ न केवल आंदोलन किया, बल्कि लोकगीतों, पारंपरिक हथियारों और सामूहिक संगठ...

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जीवन परिचय | Dishom Guru Shibu Soren Biography & Life Story

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जीवन परिचय | Dishom Guru Shibu Soren Biography & Life Story  परिचय (Introduction) दिशोम गुरु शिबू सोरेन, झारखंड की धरती का वह नाम हैं जिसे हर आदिवासी, हर संघर्षशील इंसान गर्व से याद करता है। उन्हें "दिशोम गुरु" यानी "दसों दिशाओं के गुरु" की उपाधि मिली, जो उनके नेतृत्व और जनसेवा के प्रति आदिवासी समाज के सम्मान को दर्शाती है। Adiwasiawaz गर्व के साथ उनकी जीवन यात्रा को आपके सामने रख रहा है, ताकि नई पीढ़ी उनके संघर्ष और समर्पण से प्रेरणा ले सके। साथ ही यह लेख शहीदों को समर्पित श्रृंखला का हिस्सा है, जो झारखंड के महान बलिदानियों की कहानियों को जीवित रखने का प्रयास है। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early Life & Education) जन्म और परिवार शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को झारखंड के हजारीबाग (रामगढ़)जिले के नेमरा गांव में हुआ। उनका बचपन गरीबी में बीता, लेकिन उन्होंने शिक्षा और संघर्ष दोनों में अपना रास्ता खुद बनाया। शिक्षा और शुरुआती संघर्ष उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय स्कूल से की। आर्थ...