ऑर्डर कीजिए https://amzn.to/41QlsNQ Tribal Land Rights and Constitution — आदिवासी भूमि अधिकार और संघर्ष प्रस्तावना भारत में आदिवासी समुदायों की भूमि और संसाधनों का अधिकार सिर्फ सामाजिक न्याय नहीं, बल्कि संवैधानिक प्रतिबद्धता भी है। PESA कानून (“Panchayats (Extension to Scheduled Areas) Act, 1996”) ने अदिवासियों को उनके पारंपरिक क्षेत्र और सामाजिक संरचना में स्वशासन का अधिकार देने का मार्ग प्रशस्त किया है। इसकी विवेचना और प्रभाव को समझने के लिए देखिए हमारी ब्लॉग इस ब्लॉग पोस्ट में हम "Tribal Land Rights and Constitution — आदिवासी भूमि अधिकार और संघर्ष" शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित विषयों पर चर्चा करेंगे: संविधान में आदिवासियों की भूमि अधिकार की स्थापना PESA कानून की भूमिका और सीमाएँ वास्तविक संघर्ष, न्याय और आज की चुनौतियाँ (विशेषकर झारखंड जैसे राज्यों में) ग्लोबली मानव-केंद्रित दृष्टिकोण से आदिवासी भूमि अधिकार की वैश्विक प्रासंगिकता 1. संविधान और Scheduled Areas की संकल्पना 1.1 Scheduled Areas और Fifth Schedule भारतीय संवि...
Adiwasiawaj ek abhiyan for social justice and tribal empowerment