https://kisku87.blogspot.com/p/privacy-policy.html "माओवादी के नाम पर आदिवासियों का शोषण: जल-जंगल-जमीन पर कब्ज़ा और कॉर्पोरेट हित" ✊ माओवादी के नाम पर आदिवासियों का शोषण: जल-जंगल-जमीन की लूट और कॉर्पोरेट गठजोड़ 🔍 परिचय छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और ओडिशा जैसे खनिज-समृद्ध राज्यों में आदिवासी समुदायों को लंबे समय से उनके जल, जंगल और ज़मीन (JJJ) से बेदखल किया जा रहा है। सरकार और कॉर्पोरेट कंपनियों के बीच का गठजोड़ आज एक नये रूप में सामने आया है – माओवादी खतरे के नाम पर सुरक्षा बलों की तैनाती , गाँवों का खाली कराना और फिर अडानी जैसे औद्योगिक समूहों को खनन लीज़ देना । यह एक रणनीति है: पहले माओवादी बताकर डर फैलाओ, फिर ज़मीन खाली कराओ, और अंत में खनन या उद्योग के लिए जमीन कॉर्पोरेट को सौंप दो। 🏹 कैसे हो रहा है आदिवासियों का शोषण? 1. माओवादी होने का लेबल कई गांवों को नक्सल प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाता है, जबकि वहां शांति और आत्मनिर्भर जीवन था। सुरक्षा बलों के नाम पर ग्राम रक्षा समितियाँ या अर्धसैनिक बल भेजे जाते हैं। बिना किसी ठोस सबूत के युवाओं ...
Adiwasiawaj ek abhiyan for social justice and tribal empowerment