https://amzn.to/41KxsAv जल्दी ऑर्डर कीजिए और पढ़े विस्थापन की दस्ता Solution to Displacement: न्याय, पुनर्वास और नीतिगत सुधार विस्थापन (Displacement) आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में एक गंभीर मानवाधिकार और सामाजिक न्याय का प्रश्न बन चुका है। चाहे वह विकास परियोजनाओं (Dams, Mines, Industries) से हो, प्राकृतिक आपदाओं (Floods, Earthquakes) से या जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और संघर्ष (Conflict) के कारण—लाखों लोग हर साल अपनी ज़मीन, घर और पहचान खो देते हैं। भारत में सबसे ज़्यादा प्रभावित वे समुदाय हैं जो जंगल और ज़मीन पर आश्रित हैं—आदिवासी और ग्रामीण समाज। समाधान तीन स्तंभों में है: न्याय (Justice), पुनर्वास (Rehabilitation), और नीतिगत सुधार (Policy Reforms)। 1. Global and Local Realities of Displacement संयुक्त राष्ट्र (UNHCR) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 11 करोड़ से अधिक लोग दुनिया भर में विस्थापित हुए। भारत में विकास परियोजनाओं के कारण अब तक 5 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। इनमें से लगभग 60% आदिवासी समुदाय हैं...
Adiwasiawaj ek abhiyan for social justice and tribal empowerment