झारखंड की जनजातीय संस्कृति, नृत्य, परिधान और पारंपरिक त्योहारों की जानकारी जानिए कैसे संथाली नृत्य, मांदर की धुन और सरहुल जैसे त्योहार इस संस्कृति को जीवंत रखते हैं। झारखंडी आदिवासी कला और संस्कृति: पहचान, परंपरा और परिवर्तन झारखंडी आदिवासी कला संस्कृति , झारखंड आदिवासी नृत्य , आदिवासी परंपरा , Jharkhand Tribal Culture झारखंड का सांस्कृतिक वैभव: एक परिचय झारखंड सिर्फ खनिज संसाधनों के लिए नहीं, बल्कि अपनी समृद्ध आदिवासी संस्कृति और कला के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के आदिवासी समुदाय जैसे संथाल, मुंडा, हो, बिरहोर, उरांव , और खड़िया न केवल प्रकृति से जुड़े हैं, बल्कि उनके गीत, नृत्य, चित्रकला, वेशभूषा और त्यौहार भी इसी जुड़ाव को दर्शाते हैं। आदिवासी नृत्य और संगीत: आत्मा की अभिव्यक्ति संथाली नृत्य संथाली महिलाएं पारंपरिक लाल-हरी बॉर्डर वाली साड़ी पहनकर सिर पर कलश और पत्तियाँ रखकर सामूहिक नृत्य करती हैं। पुरुष ढोल (मंदार) बजाकर लय प्रदान करते हैं। यह नृत्य सरहुल , सोहराय , और बाहा पर्व पर किया जाता है। संथाल , नृत्य , झारखंडी जनजातीय नृत्य ढोल, ...
Adiwasiawaj ek abhiyan for social justice and tribal empowerment