Scheduled Tribes and Indian Constitution: अधिकार, पहचान और संघर्ष भारतीय संविधान (Constitution) ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया। इसमें अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) को विशेष अधिकार दिए गए ताकि उनका अस्तित्व, संस्कृति और पहचान सुरक्षित रहे। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि आदिवासी समुदाय अभी भी अपने अस्तित्व (Existence) और अधिकार (Rights) के लिए संघर्ष कर रहा है। अनुसूचित जनजातियों की परिभाषा और संवैधानिक दर्जा अनुच्छेद 342 के तहत भारत सरकार उन समुदायों को अनुसूचित जनजाति घोषित करती है, जिन्हें सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ा माना जाता है। 👉 विस्तार से यह चर्चा आप यहाँ देख सकते हैं: Adiwasi Panchmi: Anusuchi aur Samvidhanik Adhikar संविधान और अनुसूचित जनजातियों के अधिकार समान अवसर और न्याय अनुच्छेद 15 और 16 : ST वर्ग को शिक्षा और नौकरी में भेदभाव से सुरक्षा। अनुच्छेद 46 : राज्य का कर्तव्य – उनकी शिक्षा और आर्थिक हितों का विशेष ध्यान। राजनीतिक प्रतिनिधित्व अनुच्छेद 330 और 332 : संसद और विधानसभाओं ...
Adiwasiawaj ek abhiyan for social justice and tribal empowerment