Adiwasi Rojgar ki Kahani: Ganv se Sahar Tak ka Safar Introduction – परिचय झारखंड और भारत के अन्य हिस्सों में आदिवासी समाज का जीवन हमेशा से प्रकृति और परंपरा से जुड़ा रहा है। लेकिन बदलते समय ने उन्हें नई चुनौतियों और अवसरों से रूबरू कराया। रोजगार (Rojgar) अब सिर्फ खेतों और जंगल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि गांव से शहर तक का सफर तय करना पड़ रहा है। इस ब्लॉग में हम 9 बिंदुओं के जरिए देखेंगे कि कैसे आदिवासी युवा रोजगार, भाषा, संस्कृति और विस्थापन की चुनौतियों से गुजरते हुए नए रास्ते तलाश रहे हैं। 👉 इससे पहले के पोस्ट को ज़रूर पढ़ें: झारखंडी आदिवासी – विकास और विस्थापन झारखंड आदिवासी भाषा एवं पहचान 9 Key Points on Adivasi Rojgar Journey 1. Rojgar ke Avasar – Self Reliance ki Ore Kadam गांव के खेतों से लेकर शहर की फैक्ट्रियों तक, रोजगार की तलाश आदिवासी युवाओं को मजबूर करती है कि वे आत्मनिर्भरता के नए साधन खोजें। पारंपरिक कारीगरी और कृषि आधारित काम अब skill development और modern training से जुड़ रहे हैं। 2. Bhasha aur Cultural Ident...
Adiwasiawaj ek abhiyan for social justice and tribal empowerment