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Government Sports Schemes for Adivasi Youth: Reality vs Claim (सरकारी खेल योजनाएँ और आदिवासी युवा: दावा बनाम ज़मीनी हकीकत)

Digital Economy और Adiwasi Communities: Technology से नए अवसर और Challenges

 Digital Economy और Adiwasi Communities: Technology से नए अवसर और Challenges डिजिटल अर्थव्यवस्था: परिचय | Introduction to Digital Economy Digital economy आज के समय में global economy का मुख्य हिस्सा बन चुकी है। इसमें व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार मुख्य रूप से digital platforms और technology पर आधारित होते हैं। Feature: E-commerce और online marketplaces। Online education और virtual classrooms। Fintech और mobile banking platforms। Remote work और freelancing opportunities। आज के digital era में, Adiwasi Youth के लिए यह golden opportunity है। Internet और mobile technology के माध्यम से वे global marketplace में अपने talent और products को showcase कर सकते हैं। Modern Management System: Adiwasi Youth Education & Employment PM Internships Scheme 2025: Adiwasi Youth Guide  आदिवासी समुदायों के लिए अवसर | Opportunities for Adiwasi Communities Digital economy आदिवासी समुदायों के लिए कई नए अवसर ला रही है। यह सिर्फ रोजगार तक सीमित नहीं, बल...

Gramin Berozgar Youth: Kaise Badal Sakta Hai Apna Bhavishya Apne Gaon Mein

  Gramin Berozgar Youth: Kaise Badal Sakta Hai Apna Bhavishya Apne Gaon Mein  Gramin Berozgar Youth: अपने गाँव में अवसर कैसे तलाशें? भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है। हजारों युवा अपने गांवों में रोजगार के अवसर खोजते हैं, लेकिन शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। Gramin Youth Berozgar hai, lekin unke paas opportunities bhi hain — बस सही दिशा और मार्गदर्शन की आवश्यकता है। ग्रामीण बेरोजगारी, बेरोजगार युवा, Gaon me Rozgar, Rural Jobs India, Skill Development India  ग्रामीण बेरोजगारी का कारण ग्रामीण युवाओं के बेरोजगार होने के पीछे कई कारण हैं: कौशल की कमी (Lack of Skills) – आधुनिक नौकरी की जरूरतों के हिसाब से गांव के युवा पर्याप्त प्रशिक्षित नहीं हैं। सूचना का अभाव (Lack of Information) – सरकारी योजनाओं और रोजगार के अवसरों के बारे में जागरूकता कम है। इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी (Infrastructure Issues) – इंटरनेट, ट्रेनिंग सेंटर, और मार्केटिंग प्लेटफॉर्म की कमी। शहरी आकर्षण (Urban Attraction) – शहर में रोजगार की...

Adiwasi Rojgar ki Kahani: Ganv se Sahar Tak ka Safar

Adiwasi Rojgar ki Kahani: Ganv se Sahar Tak ka Safar  Introduction – परिचय झारखंड और भारत के अन्य हिस्सों में आदिवासी समाज का जीवन हमेशा से प्रकृति और परंपरा से जुड़ा रहा है। लेकिन बदलते समय ने उन्हें नई चुनौतियों और अवसरों से रूबरू कराया। रोजगार (Rojgar) अब सिर्फ खेतों और जंगल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि गांव से शहर तक का सफर तय करना पड़ रहा है। इस ब्लॉग में हम 9 बिंदुओं के जरिए देखेंगे कि कैसे आदिवासी युवा रोजगार, भाषा, संस्कृति और विस्थापन की चुनौतियों से गुजरते हुए नए रास्ते तलाश रहे हैं। 👉 इससे पहले के पोस्ट को ज़रूर पढ़ें: झारखंडी आदिवासी – विकास और विस्थापन झारखंड आदिवासी भाषा एवं पहचान  9 Key Points on Adivasi Rojgar Journey  1. Rojgar ke Avasar – Self Reliance ki Ore Kadam गांव के खेतों से लेकर शहर की फैक्ट्रियों तक, रोजगार की तलाश आदिवासी युवाओं को मजबूर करती है कि वे आत्मनिर्भरता के नए साधन खोजें। पारंपरिक कारीगरी और कृषि आधारित काम अब skill development और modern training से जुड़ रहे हैं।  2. Bhasha aur Cultural Ident...

Modern Management System for Adivasi Youth: शिक्षा और रोजगार की राह

  Modern Management System for Adivasi Youth: शिक्षा और रोजगार की राह पर आदिवासी-यूथ  Introduction आज का समय Digital  है, जहाँ हर क्षेत्र में Management System (प्रबंधन प्रणाली) की ज़रूरत बढ़ गई है। चाहे education हो, employment हो या resources का उपयोग – बिना scientific management के sustainable development संभव नहीं। 👉 आदिवासी समाज (Adivasi Community) के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके सामने दोहरी चुनौती है – शिक्षा और रोजगार की कमी पारंपरिक ज्ञान और संसाधनों का संरक्षण इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि कैसे Modern Management System आदिवासी युवाओं को एक नई दिशा दे सकता है।  Why Adivasi Youth Need a Modern Management System? Education Gap भारत के कई हिस्सों में आदिवासी युवाओं को quality education तक पहुँचने में कठिनाई होती है। Modern Management System से – Digital classrooms बन सकते हैं Local language-based learning possible है Attendance और progress monitoring आसान हो सकता है Employment Challenges Education के सा...

"जंगलों की कटाई और विस्थापन: विकास की कीमत पर विनाश?

जंगलों की कटाई और विस्थापन: विकास की कीमत पर विनाश? लेखक: Adiwasiawaz  | तारीख: 29 जुलाई 2025 परिचय भारत के आदिवासी क्षेत्र लंबे समय से प्राकृतिक संसाधनों, विशेषकर जंगलों, पर निर्भर हैं। लेकिन बीते कुछ दशकों में जिस तरह से जंगलों की अंधाधुंध कटाई और औद्योगिक परियोजनाओं के नाम पर विस्थापन हुआ है, वह केवल पर्यावरणीय संकट नहीं बल्कि मानवीय अधिकारों का उल्लंघन भी है। जंगलों की कटाई: कारण और आंकड़े जंगलों की कटाई का प्रमुख कारण है - खनन परियोजनाएं, जल विद्युत परियोजनाएं, रेलवे, सड़क और उद्योगों का विस्तार। FAO (2020) की रिपोर्ट के अनुसार भारत हर वर्ष लगभग 1.5 मिलियन हेक्टेयर जंगल खोता है। इसमें से अधिकतर क्षेत्र आदिवासी जिलों में आता है। प्रमुख कारण: खनिज दोहन के लिए भूमि अधिग्रहण बिना ग्रामसभा अनुमति के वन क्षेत्र का हस्तांतरण सरकारी योजनाओं में वन अधिकार अधिनियम की अनदेखी वन विभाग की नीतियाँ जो समुदायों को बाहर करती हैं विस्थापन: एक त्रासदी जब जंगल कटते हैं, तो वहां रहने वाले आदिवासियों को उनकी भूमि से बेदखल कर दिया जाता है। य...