दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जीवन परिचय | Dishom Guru Shibu Soren Biography & Life Story परिचय (Introduction) दिशोम गुरु शिबू सोरेन, झारखंड की धरती का वह नाम हैं जिसे हर आदिवासी, हर संघर्षशील इंसान गर्व से याद करता है। उन्हें "दिशोम गुरु" यानी "दसों दिशाओं के गुरु" की उपाधि मिली, जो उनके नेतृत्व और जनसेवा के प्रति आदिवासी समाज के सम्मान को दर्शाती है। Adiwasiawaz गर्व के साथ उनकी जीवन यात्रा को आपके सामने रख रहा है, ताकि नई पीढ़ी उनके संघर्ष और समर्पण से प्रेरणा ले सके। साथ ही यह लेख शहीदों को समर्पित श्रृंखला का हिस्सा है, जो झारखंड के महान बलिदानियों की कहानियों को जीवित रखने का प्रयास है। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early Life & Education) जन्म और परिवार शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को झारखंड के हजारीबाग (रामगढ़)जिले के नेमरा गांव में हुआ। उनका बचपन गरीबी में बीता, लेकिन उन्होंने शिक्षा और संघर्ष दोनों में अपना रास्ता खुद बनाया। शिक्षा और शुरुआती संघर्ष उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय स्कूल से की। आर्थ...
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